बंदर की सहायता
हेल्लो फ्रेंड्स
आज हम आपके लिए एक स्टोरी लाए हैं । स्टोरी कहानी पढ़ना किस को पसंद नही होता हैं बच्चे हो या बूढ़े सब कहानी सुनना पढ़ना पसंद करते हैं । कहानी के जरिए हमारे विकास होता हैं । कहानी कभी कभी हमारे मनोरजन करने के साथ ही साथ हमारी मुश्किलों का हल भी बता देती हैं ।
तो चलिए आज एक ऐसी कहानी पढ़ते हैं जो हमारी जिंदगी में आने वाली मुश्किलों के कुछ हल ही बता दे ।
बंदर की सहायता
राधा ! राधा !
राधा कहां हो ?
राधा दरवाजा खोलोगी ?
राधा राधा कहां हो तुम ? कब से बुला रहा हूं सुनती क्यों नही हो ? कुछ कर रही हो क्या राधा ?
मनोज घर के बाहर के दरवाजे पर खड़ा राधा को बुला रहा था , काफी देर होने पर भी राधा ने दरवाजा नही खोला तो मनोज के पड़ोसी आ गए ।
मनोज, " देखो ना भाई क्या बात हैं राधा दरवाज़ही नही खोल रही हैं ? मुझे तो अब डर लग रहा हैं ।
राम ऐसा करो तुम मेरी छत से जा कर देखो
मनोज जब नीचे गया तो देखता हैं राधा तो घर पर थी ही नहीं उसके घर के सारे सामान इधर उधर बिखरे हैं । मनोज जल्दी से बाहर का दरवाजा खोलता हैं और घबराते हुए राम को बोलता हैं । भाई राधा तो कही भी नही दिख रही हैं और सारे घर का सामान यू बिखरा पड़ा हैं मुझे तो बहुत डर लग रहा हैं ।
राम ," देखो तुम चिंता मत करो यही कही गई होगी तुम थोड़ा इंतजार कर लो " मनोज ," यही कही , नही भाई nhi अगर यही कही गई होती तो दरवाज़ अंदर से कैसे बंद हैं ।"
राम," सही कहते हो यार , चलो घर में ही अच्छे से ढूंढते हैं ।"
राम और मनोज राधा को पूरे घर में ढूंढते हुआ थक जाते हैं ।
राम," मनोज ! चलो जल्दी घर के बाहर जा कर लोगो से पूछते हैं" ?
मनोज ," मुझे तो बहुत घबराहट हो रही हैं कहां गई राधा क्या हुआ उसके साथ दरवाज़ अंदर से बंद हैं न कोई घर में हैं तो अगर कोई आया भी तो गया कहां से हैं , मुझे कुछ समझ नही आ रहा हैं , पूरा घर देख लिया , सारा सामान भी बिखरा पड़ा हैं ।
राम ," चलो बाहर पूछते हैं ।
दोनो घर के बाहर सब से पूछने लगे लेकिन किसी को कुछ नही मालूम हैं । किसी ने राधा को तो आज घर से बाहर निकलते देखा ही नहीं था ।
इधर मनोज का बहुत बुरा हाल होते जा रहा था मनोज एक सीधा इंसान था । सिर्फ अपने काम से काम रखने वाला ।
राम," मनोज चलो पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएं ।
कोई बड़ी अनोहोनी हो गई हैं ऐसा मालूम हो रहा हैं ।
भाई क्या पता जो हमे समझ नही आ रहा पुलिस ही समझ जाएं ।
मनोज ," नही भाई ।
मनोज इतना कहे कर अपने घर की ओर चल देता हैं ।
राम -" ये क्या ? राधा भाभी का कुछ पता नही चल रहा हैं , घर बिखरा पढ़ा हैं ,
दरवाज़ भी अंदर से बंद हैं और ये मनोज भाई पुलिस के पास क्यों नही जा रहे हैं , कही उन्होंने ने ही तो कुछ। नही- नही ये क्या सोच रहा हूं , मुझे भी मनोज से पूछना चाहिए ।
राम मनोज के घर जाता है ।
राम ," ऐसे मत बैठो , तुमने क्यों मना किया रिपोर्ट लिखने से ।
मनोज ," भाई आपको तो पता ही है वो थोड़े पैसे नही है , पुलिस को क्या देता।"
राम ," भाई इस टाइम तो तुम ऐसी बात मत करो , चलो मेरे होते हुआ कोई चिंता मत करो तुम।"
तभी बंदर के रोने की आवाज़ आने लगती हैं ।
मनोज," जब से हम घर आए हैं तब से मेरे बंदर के बारे में सोचा ही नहीं , भाई जरा ध्यान से सुन उसके रोने की आवाज आ रही हैं ।"
राम ," अरे हां भाई जब मैं तेरे कमरे गया था तब तो बहुत तेज आ रही थी लेकिन चिंता मैं ध्यान नही दिया । चलो देखते हैं ।
राम और मनोज कमरे में जाते हैं ।
मनोज," खिड़की के बाहर से आवाज आ रही हैं मनोज खिड़की से देखता हैं तो उसका बंदर जख्मी पड़ा हुआ था ।
मनोज और राम बंदर को जल्दी से ले कर आते हैं । मनोज बंदर पर दावा लगता हैं बंदर को पानी देता हैं । बंदर फिर किचन की ओर देख कर चिल्लाने लगत
हैं ।
राम और मनोज का ध्यान किचन की तरफ़ जाता है।
राम", भाई ये किचन की तरह देख कर चिल्ला रहा हैं,
लगता हैं भाई भाभी किचन में हैं ।"
मनोज ",लेकिन मै तो किचन अच्छे से देख चुका हूं ना ।"
राम," चल भाई , फिर से देखते हैं ।"
मनोज "अरे हां ! याद आया मेरे किचन में एक तेहखाना हैं ।"
दौड़ते हुए मनोज जाता हैं राम उसके पीछे जाता है । दोनो देखते हैं राधा बेहोश पड़ी थी । मनोज और राम दोनो जल्द से जल्द राधा को हॉस्पिटल ले कर जाते हैं।
कुछ टाइम बाद
राम," अगर भाई तुम्हारा बंदर नही होता तो हमे शायद भाभी कहां हैं पता चलने बहुत देर हो जाती ।
मनोज ," सही कहे रहे हों भाई ।
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