टपकता खून ( हिंदी भूतिया कहानी )
टपकता खून रमेश अपनी शादी के बाद पहली बार अपनी पत्नी पूनम के साथ उसके मायके जा रहा था । एक सूनसान जंगल में उनकी कार ख़राब हो गई । रमेश कार ठीक करने के लिए बाहर जाता हैं रमेश कार सही करने लगता हैं रात के 2 बज रहे हैं जंगल का अधेरा अपनी चरम पर हैं कुत्तों और बिल्ली की रोने की आवाज़ चारों तरह गूंज रहीं हैं पत्तो की आवाज़ माहोल को बहुत डरवाना बना रहीं हैं तभी रमेश की पत्नी रमेश को बहुत प्यार से कहती हैं सुनिए जी पास आओ क्या आप भी अकेले छोड़ दिए हो अपनी जान को । रमेश ने पहली बार अपनी नई नवेली दुल्हन जो हमेशा शर्मती रहती थीं उसके मूंह से ऐसा सुना रमेश वही कार ठीक करता हुआ बोला : क्या बात हैं बेगमसहिबा ! आज पहली... तभी रमेश आगे बोलने ही जा रहा था कि उसको पूनम के पागलों की तरह हंसने की आवाज सुनाई देती हैं रमेश जैसे ही कार के अन्दर देखता हैं उसके कंधे पर कोई हाथ रख देता हैं रमेश थोड़ा डर कर पीछे देखता हैं तो कोई नही हैं और फिर पलट कर देखता हैं तो पूनम कार के ऊपर बैठी हुई हैं और उसके मुंह से खून टप टप कर के टपक रहा हैं । उसके बाल हवा में बहुत तेज
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